देवप्रयाग में दान पुण्य कर बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में ली जल समाधि, सर्च ऑपरेशन जारी
Published:
24 Sep 2021
दोनों बुजुर्गों का व्यवहार सामान्य लग रहा था, लेकिन उनके मन में न जाने कौन सी उथल-पुथल चल रही थी। देवप्रयाग में दान-पुण्य करने के बाद दोनों गंगा में समा गए-
टिहरी गढ़वाल से एक दुखद खबर आ रही है। यहां बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जल समाधि ले ली। दोनों कानपुर के रहने वाले थे और बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर उत्तराखंड आए हुए थे। फिलहाल पुलिस और एसडीआरएफ दोनों बुजुर्गों की तलाश कर रही है। घटना बुधवार शाम की है। बुजुर्ग भाई-बहन महिला घाट पर आए। यहां से दोनों गंगा में उतरे और फिर लौटकर नहीं आए। संगम घाट पर उनके जूते और कपड़ों का थैला मिला। जिसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के मुताबिक कानपुर निवासी दोनों लोग बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। तीन साल पहले ही ये लोग अपना लखनऊ का मकान बेचकर कानपुर में रह रहे थे। 20 सितम्बर की शाम दोनों लोग देवप्रयाग पहुंचे और बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर एक होटल में रुक गए। 21 सितम्बर को दोनों देवप्रयाग और आसपास घूमते रहे।
सबको उनका व्यवहार सामान्य लग रहा था, लेकिन उनके मन में न जाने कौन सी उथल-पुथल चल रही थी। 23 सितंबर को दोनों भाई बहन ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। दिन ढलने लगा तो दोनों महिला घाट की ओर चले गए। उनके न लौटने के बाद कहीं जाकर लोगों को उनके गंगा में समा जाने का पता चल पाया। बाद में पुलिस होटल पहुंची और वहां तलाशी ली। होटल के रजिस्टर व पैन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान लखनऊ निवासी अरविंद(65) और सुमन(62) पुत्र व पुत्री नागेश्वर प्रसाद के रूप में हुई। जांच में पता चला है कि दोनों बुजुर्ग वर्तमान में कानपुर के पारानगर में रह रहे थे। उन्होंने खुदकुशी क्यों की, इसे लेकर अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस बुजुर्गों की खोजबीन के लिए गंगा में सर्च ऑपरेशन चला रही है।